DM Aligarh ने की यातायात के नियमों का पालन करने की अपील

अलीगढ़ः जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह (dm aligarh) ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए लोगों से यातायात के नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सर्दियों में कोहरे के प्रकोप के कारण सड़क दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अतः सभी लोग सुरक्षित यात्रा के दृष्टिगत यातायात के नियमों का पालन करें। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने एवं सड़क सुरक्षा के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कार्ययोजना संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। DM Aligarh ने कहा कि सड़क सुरक्षा के सभी मानकों का अनुपालन किया जाए। सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में व्यापक जनजागरूकता के कार्यक्रम भी संचालित किये जाएं।
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शीतलहर से सुरक्षा के लिए क्या करें, क्या न करें
शीतलहर की आपात स्थिति में मौसम की जानकारी अलग-अलग मीडिया प्लेटफार्म से समय-समय पर लेते रहें और सतर्क रहें। शीतलहर में शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए गर्म पानी और दूसरे गर्म पेय पदार्थो का सेवन करें। कोयले की अंगीठी, हीटर इत्यादि का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें और कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन, वेंटिलेशन बनाये रखें ताकि कमरे में विषाक्त, जहरीला धुआँ इकट्ठा न हो। विषम परिस्थितियों अथवा अत्याधिक सर्दियों के लिए ईंधन बचा कर रखें। शरीर को सूखा रखें, गीले कपड़े तुरन्त बदल लें, ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। घर में अलाव का सामान न हो, तो अत्यधिक ठंड के दिनों में सामुदायिक केन्द्रों व सार्वजनिक स्थलों पर जाएं, जहां प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबन्ध किया गया हो।
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शीतलहर में खुद को सुरक्षित रखने के लिए कई स्तरों वाले गर्म कपडे जैसे-ऊनी कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर का प्रयोग आपको शीतलहरी से बचा सकते हैं। अत्यधिक ठंड एवं कोहरा पड़ने पर छोटे बच्चों और बुजुर्गो को जितना हो सके घर के अंदर रखें। शराब एवं मादक पदार्थो का सेवन करने से दूरी बनाएं क्योंकि यह आपके शरीर के अंदरुनी तापमान को गिरा देते हैं, जो शीतलहर में हानिकारक साबित हो सकते हैं। अपने आस-पास के अकेले रहने वाले पड़ोसियों की भी जानकारी रखें, खासकर बुजुर्गों की। किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन पर संपर्क करें। ठंडी हवा के सम्पर्क में आने से बचने के लिए घर के अन्दर रहें और यात्रा कम से कम करें। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे हाइपोथर्मिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हाइपोथर्मिया के लक्षण जैसे-असामान्य शरीर का तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, विचलन, थकावट, चमकदार लाल त्वचा (शिशुओं में) की स्थिति उत्पन्न होने पर अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। ठण्ड के दौरान जानवरों के आवास को सुरक्षित स्थानों पर रखें और आवास को चारों तरफ से ढक कर रखें। शीतलहर के दौरान पशुओं को बांधकर रखें, खुले में कदापि ना छोड़ें और जानवरों को ठंडा चारा व ठंडा पानी देने सर परहेज करें। सर्दियों के दौरान रात्रि में जानवरों के नीचे बैठने के स्थान पर कुछ सामग्री जैसे सूखा पुआल लगाएं।
